“टेवा, जन्म पत्री, वर्ष फल बनाने एवं देखने के माहिर”
नवग्रह शांति, गण्डमूल शांति, कालसर्प दोष शांति, पित्तर दोष शांति, वास्तु दोष शांति, नूतन ग्रह प्रवेश, गायत्री महामंत्र अनुष्ठान, महामृत्युन्जय मंत्र अनुष्ठान, रूद्राभिषेक, भगवान सत्यनारायण व्रत कथा, करवा चौथ व्रत कथा, जागरण की पूजा, विवाह शादी, पूजा पाठ, हवन यज्ञ सम्पूर्ण विधी पूर्वक सम्पन्न करवाया जाता है।
वास्तु शास्त्र द्वारा घर में संशोधन करवाया जाता है एवं घर का नक्शा भी बनाया जाता है।